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बिलासपुर ट्रेन हादसे: बिलासपुर में पैसेंजर ट्रेन ने मालगाड़ी को मारी टक्कर, 8 यात्रियों की मौत से मचा हड़कंप

By: Subhajit Pramanik

On: Tuesday, November 4, 2025 11:10 PM

बिलासपुर ट्रेन हादसे
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ट्रेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार शाम को बिलासपुर जिले के पास एक पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी के बीच जबरदस्त टक्कर हो गई, जिसमें कम से कम 8 यात्रियों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए।
इस छत्तीसगढ़ रेल हादसे ने एक बार फिर भारतीय रेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हादसे का मंजर: एक पल में हंसी से चीख में बदली यात्रा

यह घटना बिलासपुर डिवीजन के भीतर कोरबा-बिलासपुर रूट पर हुई, जब स्थानीय MEMU पैसेंजर ट्रेन स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। टक्कर इतनी भयानक थी कि ट्रेन का इंजन पूरी तरह मालगाड़ी के डिब्बे में धंस गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के कुछ ही सेकंड में पूरा स्टेशन चीखों से गूंज उठा। यात्रियों में भगदड़ मच गई, कई लोग बोगियों में फंस गए, और चारों ओर अफरातफरी का माहौल बन गया।

स्थानीय लोग और रेलवे कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुँचे और राहत कार्य शुरू किया। खिड़कियाँ तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला गया। कई लोग खून से लथपथ हालत में ज़मीन पर लेटे मदद का इंतजार करते दिखे।

हादसे में गई 8 जानें, कई अब भी गंभीर

बिलासपुर ट्रेन हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 40 से ज़्यादा यात्री घायल हैं। घायलों को CIMS अस्पताल और अपोलो बिलासपुर में भर्ती कराया गया है।
जिला प्रशासन और रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कुछ यात्रियों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। राहत कार्य देर रात तक जारी रहा।

हादसे की वजह: सिग्नल पार करना बना मौत का कारण?

रेलवे के प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह छत्तीसगढ़ रेल हादसा ‘सिग्नल पास विदाउट ऑथरिटी (SPAD)’ यानी रेड सिग्नल पार करने की वजह से हुआ है। पैसेंजर ट्रेन के चालक ने संभवतः सिग्नल को अनदेखा किया और ट्रेन को आगे बढ़ा दिया, जिसके कारण सामने खड़ी मालगाड़ी से टक्कर हो गई।
हालांकि, रेलवे बोर्ड ने जांच पूरी होने से पहले किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने से इनकार किया है। Commissioner of Railway Safety (CRS) द्वारा विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

मुख्यमंत्री और रेलवे मंत्रालय की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए कहा —

“बिलासपुर रेल हादसा बेहद दर्दनाक है। राज्य सरकार पूरी तरह से प्रभावित परिवारों के साथ है। हर संभव मदद दी जाएगी।”

रेल मंत्रालय ने तुरंत मुआवज़े की घोषणा की है —

  • मृतकों के परिवार को ₹10 लाख

  • गंभीर रूप से घायलों को ₹5 लाख

  • हल्के रूप से घायलों को ₹1 लाख

साथ ही, रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि परिवारजन अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें।

राहत कार्य और प्रशासन की तत्परता

जैसे ही बिलासपुर ट्रेन हादसे की खबर फैली, NDRF, SDRF और रेलवे की कई टीमें घटनास्थल पर पहुँचीं।
ड्रोन कैमरों से दुर्घटना क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। भारी मशीनों की मदद से बोगियों को काटकर यात्रियों को बाहर निकाला गया।

रेलवे ट्रैफिक को कुछ समय के लिए रोका गया ताकि राहत कार्य में बाधा न आए। अधिकारियों ने बताया कि सभी यात्रियों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई दहशत की कहानी

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया —

“ट्रेन अचानक झटके से रुक गई और जोरदार धमाका हुआ। कुछ सेकंड बाद सब तरफ चीख-पुकार मच गई। मैंने कई लोगों को अपने परिजनों को पुकारते देखा।”

एक घायल महिला ने कहा —

“मैं अपने बेटे के साथ सफर कर रही थी। अचानक सबकुछ हिल गया। मेरा बेटा बोगी के नीचे फँस गया था, किसी तरह लोग उसे निकाल पाए। यह पल हम कभी नहीं भूल पाएंगे।”

रेल सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

यह छत्तीसगढ़ रेल हादसा भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल बनकर सामने आया है।
हर साल सैकड़ों छोटे-बड़े हादसे होते हैं, जिनमें मानव त्रुटि प्रमुख कारण बनती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब समय आ गया है कि हर ट्रेन में स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम (Automatic Train Protection System) और आधुनिक सिग्नल मॉनिटरिंग टेक्नोलॉजी लगाई जाए।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जाएगी।

आम जनता में दुख और गुस्सा

बिलासपुर ट्रेन हादसे के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कर रहे हैं और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने पीड़ित परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए आगे आने की घोषणा की है।

उम्मीद की किरण

रात होते-होते राहत कार्य तेज़ कर दिया गया। कई यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा दी जाएगी और जांच पूरी होने तक कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

यह बिलासपुर ट्रेन हादसा हमें यह सिखाता है कि एक छोटी सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। उम्मीद है कि इस घटना से सीख लेकर देश की रेल सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाया जाएगा।

Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक समाचार स्रोतों पर आधारित है और केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। घटना से जुड़ी जानकारी समय के साथ बदल सकती है। कृपया किसी भी आधिकारिक निर्णय या कानूनी संदर्भ के लिए सरकारी स्रोतों पर भरोसा करें।

Subhajit Pramanik

Subhajit Pramanik, founder of DainikVaani.com, is dedicated to delivering reliable and timely news. With a passion for honest journalism, he brings stories that matter to readers every day.
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