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कपासन सूरज माली हमला: चुनावी वादा याद दिलाने पर टूटी मतदाता की टाँगें

By: Subhajit Pramanik

On: Saturday, October 4, 2025 6:59 AM

कपासन सूरज माली हमला
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क्या आप सोच सकते हैं कि सोशल मीडिया पर सिर्फ़ इतना पूछना कि “वादा कब पूरा होगा?” आपको अस्पताल पहुँचा सकता है? यही हुआ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ कपासन में, जहाँ कपासन सूरज माली हमला (Kapasan voter attack news) लोकतंत्र की आत्मा को हिला देने वाली घटना बन गया। यह मामला न केवल एक युवक के साथ हुई हिंसा है, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाता है।

मुख्य पॉइंट्स

  • घटना कहाँ हुई? — राजस्थान, चित्तौड़गढ़ जिले की कपासन विधानसभा।

  • कौन पीड़ित है? — सूरज माली (Kapasan Suraj Mali News Rajasthan)।

  • हमले की वजह? — चुनावी वादा याद दिलाना।

  • हमला कैसे हुआ? — काम से लौटते समय नकाबपोश हमलावरों ने लाठी-डंडों से पीटा।

  • चोट कितनी गंभीर? — दोनों पैरों की हड्डियाँ टूटीं, अहमदाबाद में इलाज जारी।

  • पुलिस की कार्रवाई? — FIR दर्ज, जांच जारी, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं।

  • राजनीतिक बयान: विधायक अर्जुनलाल जीनगर (Arjun Lal Jingar controversy) ने आरोपों को नकारा।

घटना का पूरा सच — कपासन सूरज माली हमला कैसे हुआ?

कपासन विधानसभा से भाजपा विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने चुनाव से पहले वादा किया था कि राज राजेश्वर सरोवर से पानी आम जनता तक पहुँचाया जाएगा। लेकिन करीब डेढ़ साल गुजरने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं हुआ।

युवक सूरज माली ने सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट और वीडियो (Instagram reels) बनाकर यह सवाल उठाया कि “पानी कब मिलेगा?”। इसी को लेकर बीते सप्ताह लौटते समय नकाबपोश बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। कपासन सूरज माली हमला इतना गंभीर था कि उनकी दोनों टांगों की हड्डियाँ टूट गईं।

पहले उनका इलाज चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल में हुआ और फिर गंभीर हालत में अहमदाबाद रेफर किया गया।

स्थानीय गुस्सा और पुलिस जांच

  • इलाके के लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

  • कपासन थाना पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

  • चित्तौड़गढ़ कपासन न्यूज में बताया गया कि पुलिस ने अभी तक अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

  • गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है।

राजनीतिक बयान और विवाद

सूरज माली की शिकायत में विधायक का नाम आया है। लेकिन विधायक ने इसे राजनीतिक साज़िश बताते हुए कहा कि उन्हें बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने घटना से खुद को अलग कर लिया।

यह सवाल ज़रूर उठता है कि अगर हमला उनके समर्थकों ने किया है तो क्या उनकी राजनीतिक जवाबदेही नहीं बनती?

लोकतंत्र पर असर

  1. यह घटना बताती है कि एक मतदाता के लिए लोकतंत्र में सवाल पूछना भी खतरनाक हो सकता है।

  2.  राजनीतिक विज्ञान के अनुसार, वोटर को अपने प्रतिनिधि से जवाब मांगने का अधिकार है।

  3.  पुलिस और प्रशासन को पारदर्शी जांच कर भरोसा कायम करना होगा।

  4.  जब तक पीड़ित को न्याय नहीं मिलेगा, लोग सिस्टम पर भरोसा नहीं करेंगे।

FAQs

Q1: कपासन सूरज माली हमला क्यों हुआ?
A: सूरज माली ने सोशल मीडिया पर विधायक को चुनावी वादा याद दिलाया था।

Q2: कपासन सूरज माली का इलाज कहाँ हो रहा है?
A: उनका इलाज चित्तौड़गढ़ से रेफर करने के बाद अहमदाबाद में चल रहा है।

Q3: क्या विधायक ने हमला करवाया था?
A: FIR अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुई है। विधायक ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।

Q4: क्या गिरफ्तारी हुई है?
A: अभी तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस जांच कर रही है।

Q5: यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
A: क्योंकि यह लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और वोटर सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

कपासन सूरज माली हमला केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर चोट है। जब मतदाता सवाल पूछने पर सुरक्षित नहीं है, तो लोकतंत्र अधूरा हो जाता है। इस केस से साफ है कि पारदर्शी जांच, न्याय और राजनीतिक जवाबदेही ही लोकतंत्र को मजबूत बना सकती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख समाचार रिपोर्टों और पुलिस बयानों के आधार पर लिखा गया है। मामला अभी जांच में है। किसी को दोषी ठहराना न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में है। हमारा उद्देश्य केवल तथ्य और विश्लेषण प्रस्तुत करना है।

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Subhajit Pramanik

Subhajit Pramanik, founder of DainikVaani.com, is dedicated to delivering reliable and timely news. With a passion for honest journalism, he brings stories that matter to readers every day.
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