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सतीश शाह का निधन: ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ के प्यारे इंद्रवर्धन की आखिरी मुस्कान ने सबको रुला दिया

By: Subhajit Pramanik

On: Sunday, October 26, 2025 6:05 PM

सतीश शाह
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हमारे टीवी और फिल्मों की दुनिया में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो जाते हुए भी दिलों में हँसी छोड़ जाते हैं। सतीश शाह ऐसे ही एक अभिनेता थे — जिनकी मुस्कान, कॉमिक टाइमिंग और सादगी ने उन्हें हर पीढ़ी का चहेता बना दिया।
साराभाई वर्सेस साराभाई” के इंद्रवर्धन साराभाई से लेकर “जाने भी दो यारों” के डी’मेलो तक — उन्होंने हर किरदार को अमर बना दिया। आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी हँसी अब भी हर भारतीय घर में गूंजती है।

सतीश शाह की शुरुआती ज़िंदगी और परिवार

सतीश शाह का जन्म 25 जून 1951 को मुंबई में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से गुजरात के कच्छ जिले के मांडवी से था। बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक था और वे स्कूल नाटकों में भाग लेते रहते थे।

उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से अभिनय की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की, जिसने उनकी कला को निखारा।
सतीश शाह की पत्नी मधु शाह एक सफल इंटीरियर डिज़ाइनर हैं। दोनों ने हमेशा अपनी निजी जिंदगी को मीडिया की चमक से दूर रखा।
उनके कोई संतान (children) नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपने रिश्ते को बेहद मजबूत और आत्मीय बनाए रखा।

अभिनय करियर की शुरुआत

सतीश शाह ने 1970 के दशक के अंत में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। उनकी पहली फिल्म थी “अरविंद देसाई की अजीब दास्तान” (1978)
हालाँकि, असली पहचान उन्हें 1983 की क्लासिक फिल्म “जाने भी दो यारों” से मिली, जिसमें उन्होंने कमिश्नर डी’मेलो का किरदार निभाया था।
यह फिल्म आज भी भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन कॉमेडी फिल्मों में गिनी जाती है।

टीवी जगत में उन्होंने 1980 के दशक में “ये जो है जिंदगी” से धूम मचा दी। इस शो में वे हर एपिसोड में अलग किरदार निभाते थे — जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा का अद्भुत उदाहरण है।

“साराभाई वर्सेस साराभाई” – घर-घर की पहचान

अगर भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार शो की बात करें तो “साराभाई वर्सेस साराभाई” का नाम ज़रूर लिया जाएगा।
इस शो में सतीश शाह ने इंद्रवर्धन साराभाई का किरदार निभाया — एक ऐसे पिता का, जिसकी हँसी और व्यंग्य ने दर्शकों को दीवाना बना दिया।
उनका संवाद “Monisha, ye kya middle-class habit hai?” आज भी सोशल मीडिया पर वायरल रहता है।

यह शो 2004 में प्रसारित हुआ था और इतनी लोकप्रियता मिली कि 2017 में इसका दूसरा सीज़न भी बना। सतीश शाह ने दोनों ही सीज़न में अपने अंदाज़ से शो को जीवंत रखा।

सतीश शाह की फ़िल्में और यादगार भूमिकाएँ

सतीश शाह ने अपने करियर में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। वे कॉमेडी, ड्रामा और भावनात्मक सभी तरह की भूमिकाओं में निपुण थे।

उनकी कुछ मशहूर फ़िल्में थीं —

  • कल हो ना हो (2003)

  • मैं हूं ना (2004)

  • ओम शांति ओम (2007)

  • हम साथ साथ हैं (1999)

  • दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)

  • कुछ कुछ होता है (1998)

हर फिल्म में वे एक हल्के-फुल्के लेकिन यादगार किरदार बन जाते थे। उनके संवादों और चेहरे के भाव में एक जादू था — जो हर बार दर्शकों को हँसी से भर देता था।

निधन की खबर और अंतिम विदाई

25 अक्टूबर 2025 की सुबह मनोरंजन जगत के लिए बेहद दुखद रही।
74 वर्ष की आयु में अभिनेता सतीश शाह का निधन हो गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वे लंबे समय से किडनी से जुड़ी बीमारी (Kidney Failure) से जूझ रहे थे। उन्हें मुंबई के पी.डी. हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उन्होंने अंतिम सांस वहीं ली।

उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।
फिल्म जगत से लेकर राजनीतिक हस्तियों तक, सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनका अंतिम संस्कार मुंबई के बांद्रा श्मशान घाट में हुआ, जहाँ बॉलीवुड के कई सितारे, टीवी कलाकार और प्रशंसक मौजूद थे।

सतीश शाह की विरासत – हँसी का अमर संदेश

सतीश शाह का जीवन हमें यह सिखाता है कि असली कलाकार वह होता है जो लोगों को हँसाने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर कर दे।
उन्होंने यह साबित किया कि कॉमेडी केवल हँसी नहीं, बल्कि जीवन की गहराई का प्रतीक भी हो सकती है।

आज उनके किरदार, खासकर इंद्रवर्धन साराभाई, भारतीय टेलीविजन के इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं।
उनकी हँसी, संवाद और सादगी हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

सतीश शाह सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक युग थे — एक ऐसी ऊर्जा जो हर सीन में मुस्कान छोड़ जाती थी।
उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि असली कलाकार वही होता है जो पर्दे पर नहीं, दर्शकों के दिलों में बस जाए।
उनका जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनकी हँसी कभी नहीं मिटेगी।

डिस्क्लेमर: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। किसी भी व्यक्ति या संस्था की निजी भावना को ठेस पहुँचाने का उद्देश्य नहीं है। यदि किसी विवरण में त्रुटि हो, तो कृपया इसे मानवीय त्रुटि समझा जाए।

Subhajit Pramanik

Subhajit Pramanik, founder of DainikVaani.com, is dedicated to delivering reliable and timely news. With a passion for honest journalism, he brings stories that matter to readers every day.
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